Bihar Education Department: का बड़ा फैसला, ACS S. Siddharth अब गड़बड़ी होने पर नप जाएंगे

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बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की कवायद लगातार जारी है और इसी कड़ी में अब Bihar Education Department ने एक और बड़ा कदम उठाया है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एस. सिद्धार्थ ने अब स्कूलों में किसी भी तरह की गड़बड़ी या लापरवाही को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। अब अगर किसी सरकारी स्कूल में आधारभूत सुविधाओं की कमी या रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई, तो सीधे हेडमास्टर पर कार्रवाई होगी।

बिहार के अलग-अलग जिलों से सरकारी स्कूलों की हालत की तस्वीरें अक्सर वायरल होती रहती हैं। इनमें कभी बिल्डिंग टूटी हुई दिखती है, कभी शौचालय नहीं होता, तो कभी बच्चों के लिए डेस्क-बेंच तक नहीं मिलते। इन सब समस्याओं को देखते हुए विभाग ने तय किया है कि अब हर Headmaster responsibility बढ़ा दी जाएगी।

अब हर स्कूल का हेडमास्टर खुद अपने स्कूल का सर्वे करेगा और सारी जानकारी e-Shiksha portal पर अपलोड करेगा। इसमें स्कूल की इमारत की स्थिति, शौचालय की आवश्यकता, बिजली की सुविधा, डेस्क-बेंच की संख्या, ब्लैकबोर्ड, चॉक, पानी, और बाउंड्री वॉल जैसी चीजों की पूरी रिपोर्ट देनी होगी। फिर इस रिपोर्ट को District Officer द्वारा सत्यापित किया जाएगा और आगे भेजा जाएगा Bihar State Educational Infrastructure Development Corporation को।

पहले की रिपोर्टिंग में अक्सर फिजिकल कंडीशन सही से आंकी नहीं जाती थी, जिसकी वजह से Infrastructure delay in Bihar schools जैसी समस्या सामने आती रही है। लेकिन अब गलती की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। हर स्तर पर रिपोर्ट का मिलान किया जाएगा, और अगर कहीं भी गड़बड़ी पाई गई, तो सीधे उस स्कूल के हेडमास्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी।

S. Siddharth decision on school accountability के तहत अब यह तय कर दिया गया है कि जो भी स्कूलों में कमी है, उसकी रिपोर्टिंग में लापरवाही हुई, तो ACS स्तर से जवाबदेही तय होगी। इसका मतलब यह है कि सिर्फ रिपोर्ट बनाना ही नहीं, बल्कि उसे सटीक और सही ढंग से अपलोड करना अब हेडमास्टर की ड्यूटी में शामिल हो गया है।

e-Shiksha portal for infrastructure अब एकमात्र जरिया होगा जिसके जरिए स्कूल की ज़रूरतों को विभाग तक पहुँचाया जाएगा। यहां से जो जानकारी दी जाएगी, उसी के आधार पर स्कूलों को सुविधाएं दी जाएंगी। यानी अब अगर स्कूल में ब्लैकबोर्ड नहीं है या टॉयलेट खराब है, तो हेडमास्टर को खुद यह बताना होगा कि क्या चाहिए और क्यों चाहिए।

इस फैसले से School improvement in Bihar की दिशा में एक नया रास्ता खुलता दिख रहा है, लेकिन साथ ही यह भी साफ हो गया है कि अब लापरवाही पर बख्शिश नहीं होगी। हर जानकारी को गंभीरता से लेना होगा और तय समय पर अपडेट करना होगा।

Conclusion: बिहार सरकार का ये कदम शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में बहुत जरूरी था। अब रिपोर्टिंग सिस्टम पारदर्शी होगा, जवाबदेही बढ़ेगी और धीरे-धीरे स्कूलों की हालत में सुधार भी दिखेगा। लेकिन इसके लिए स्कूल प्रशासन को भी पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करना होगा, वरना कार्रवाई से कोई नहीं बच पाएगा।

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