Bihar Land Survey 2025 Update: बदलैन जमीन को लेकर Nitish Cabinet का बड़ा फैसला, राहत की खबर

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Bihar Land Survey 2025 Update का इंतजार कर रहे बिहार के लोगों के लिए सरकार की तरफ से जबरदस्त खुशखबरी आ चुकी है। नीतीश कैबिनेट ने अब भूमि सर्वेक्षण के दौरान बदलैन यानी आपसी सहमति से बदले गए भूखंडों को भी आधिकारिक रूप से मान्यता देने का ऐलान कर दिया है। पहले जहाँ केवल लिखित दस्तावेज़ को मान्यता मिलती थी, वहीं अब मौखिक सहमति से हुए बदलैन भी मान्य होंगे, बशर्ते कि दोनों पक्षों का उस जमीन पर शांतिपूर्ण कब्जा और स्वामित्व हो। यह फैसला सीधे-सीधे उन हजारों-लाखों लोगों को राहत देने वाला है जो वर्षों से बिना किसी विवाद के अपनी जमीन पर काबिज हैं लेकिन उनके पास पक्के कागजात नहीं थे। अब ऐसे लोगों के लिए भी खतियान और भू नक्शा बनवाना आसान हो जाएगा। इससे Bihar Land Survey 2025 की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति दोनों आएगी। नीतीश सरकार का यह फैसला आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और यह बदलाव जमीन मालिकों के लिए वरदान साबित होने वाला है।

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Bihar Land Survey 2025: मौखिक बदलैन भी अब होंगे मान्य

Bihar Land Survey 2025 के तहत अब हर उस भूखंड को वैध माना जाएगा जहाँ पूर्व में मौखिक सहमति से बदलैन हुआ है और दोनों पक्ष वर्षों से शांति से उस भूमि का उपयोग कर रहे हैं। इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (यथा संशोधित) अधिनियम 2011 और नियमावली 2012 में जरूरी संशोधन भी कर दिए गए हैं। खानापूर्ति दल अब अन्य साक्ष्यों के साथ मौखिक सहमति को भी सर्वेक्षण का आधार बनाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी वैध जमीन मालिक को दस्तावेजी कमी के कारण परेशान न होना पड़े। एक पुरानी कहावत है, “जहाँ चाह वहाँ राह” — और नीतीश सरकार ने सच में इस proverb को चरितार्थ कर दिया है।

Badlain Land Rule Change: किन शर्तों का पालन जरूरी

Badlain Land Rule Change के बाद भी कुछ बुनियादी शर्तें रखी गई हैं ताकि किसी तरह का विवाद न हो। सबसे जरूरी बात यह है कि बदली गई जमीन पर दोनों पक्षों का शांति पूर्ण कब्जा और स्वामित्व होना चाहिए। यदि किसी जमीन पर विवाद है या एक पक्ष का विरोध है तो वहाँ यह नियम लागू नहीं होगा। सर्वेक्षण दल को स्थानीय लोगों, पंचों और अन्य प्रमाणों के जरिए इस बात की पुष्टि करनी होगी कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से भूमि का प्रयोग कर रहे हैं। यानी अब “मुँह की बात भी मान्य दस्तावेज बन सकती है” — बशर्ते वह सबूतों के साथ हो।

Bihar Cabinet Decisions 2025: सिर्फ जमीन ही नहीं, विकास के भी बड़े फैसले

Bihar Land Survey 2025 Update के साथ ही नीतीश कैबिनेट ने कई और बड़े फैसले लिए हैं जो राज्य के विकास की रफ्तार को और तेज करेंगे। खासकर सीतामढ़ी जिले में माता जानकी मंदिर का विकास अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर करने का निर्णय लिया गया है। रामायण सर्किट योजना के तहत पुनौराधाम को एक बड़े तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने पहले से 50 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है और 120 करोड़ रुपये स्वीकृत भी कर दिए हैं। इसके साथ-साथ 23.66 करोड़ रुपये टूरिज्म फैसिलिटी डेवेलपमेंट के लिए भी मंजूर किए गए हैं।

Mata Janaki Temple Development: राम मंदिर जैसी भव्यता का वादा

Mata Janaki Temple Development प्रोजेक्ट के तहत सीतामढ़ी का पुनौराधाम बिल्कुल अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि की तर्ज पर चमकाया जाएगा। राम मंदिर की डिजाइन बनाने वाली नोएडा की Design Associates Inc. कंपनी को ही इसका डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस फैसले से एक बात साफ हो जाती है कि बिहार सरकार धार्मिक पर्यटन को भी बड़े स्तर पर प्रमोट करना चाहती है। एक कहावत है, “भक्ति में शक्ति होती है” — और यही शक्ति अब बिहार के विकास का जरिया बनने वाली है।

Bio Fuel Production Promotion Policy 2025: हरियाली और कमाई दोनों साथ

Bio Fuel Production Promotion Policy 2025 को मंजूरी देते हुए नीतीश सरकार ने एक और ऐतिहासिक फैसला किया है। बायो फ्यूल यूनिट्स लगाने के इच्छुक निवेशकों को अब मार्च 2027 तक स्टेज वन क्लियरेंस और मार्च 2028 तक वित्तीय स्वीकृति का समय मिलेगा। बायाडा के औद्योगिक क्षेत्र में 25% तक जमीन महज 75 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के किराए पर 30 साल के लीज पर दी जाएगी। इस नीति से न सिर्फ बायो फ्यूल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि राज्य में हरियाली भी फैलेगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। “जहाँ हरियाली, वहाँ खुशहाली” — इस proverb को साकार करने की दिशा में बिहार ने एक मजबूत कदम उठाया है।

Bihar Industrial Promotion 2025: 74 उद्योगों को 4.35 अरब का प्रोत्साहन

Bihar Industrial Promotion 2025 के तहत सरकार ने उन 74 औद्योगिक इकाइयों को 4.35 अरब रुपये के प्रोत्साहन भुगतान की मंजूरी दी है जिन्हें अब तक सक्षम प्राधिकरण से अनुमोदन नहीं मिला था लेकिन जिन्होंने वैध लाइसेंस और प्रमाण पत्र ले लिए हैं। इससे निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा और नई औद्योगिक इकाइयाँ राज्य में तेजी से स्थापित होंगी। यह कदम स्पष्ट तौर पर यह दिखाता है कि नीतीश सरकार न सिर्फ नए निवेशकों को आकर्षित कर रही है बल्कि पहले से कार्यरत इकाइयों को भी मजबूती देने का प्रयास कर रही है। जैसा कि कहते हैं, “पुरानी ईंटें भी नए महल बनाती हैं”, बिहार भी पुराने निवेशकों के सहारे नए औद्योगिक विकास का सपना बुन रहा है।

निष्कर्ष (Conclusion).

Bihar Land Survey 2025 Update के तहत बदली गई जमीन को मौखिक सहमति के आधार पर मान्यता देना एक ऐतिहासिक कदम है। इसके साथ ही माता जानकी मंदिर का अयोध्या के राम मंदिर की तरह विकास और बायो फ्यूल नीति में सुधार बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। नीतीश कैबिनेट के ये फैसले न सिर्फ जमीन विवादों को खत्म करेंगे बल्कि धार्मिक पर्यटन, औद्योगिक निवेश और हरित विकास में भी नया इतिहास रचेंगे। इसलिए अगर आप भी बिहार के नागरिक हैं या यहाँ निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह समय बिल्कुल सही है, क्योंकि बिहार आज एक नए युग में प्रवेश कर चुका है — जहाँ नीति भी है, नीयत भी है और निष्पादन भी।

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